5-June-world-environment-day
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5 जून 2022 विश्व पर्यावरण दिवस: विशालकाय पुकराल की इस गण्ड रूपी पृथ्वी में लाखो जीवन मौजूद है जिनके सुंदर जीवन के लिए पुरुड़ के रहस्मयी नियमों को समझना, जानना व परिपालन करना अनिवार्य है….. इस पुरुड़ मे सबसे ज्यादा आक्रमक मानव समुदाय है इस पुरुड़ को नष्ट करने में कोई कोर – कसर नही छोड़ा है।

.. पुरुड़ मे जितने भी…जीव-जंतु,…पशु-पक्षी,… पेड़-पौधे वनस्पति पृथ्वी का सुंदरता बढ़ाए हुए हैं… इनके जीवन की शरुवात single eukaryotic cell से हुआ है यानि यहीं से प्रोटीन + एमिनो एसिड = DNA व RNA का रचना हुआ तथा यही रासायनिक संरचना डीएनए, आरएनए में आज से करोड़ो वर्ष पूर्व का ज्ञान डीएनए सीक्वेंस में ज्ञान कोडिंग है….और डीएनए सीक्वेंस टूटता नही बल्कि सीक्वेंस में प्रतिदिन का क्रियाकलाप डीएनए सीक्वेंस में जुड़ता है…

हमारे मस्तिष्क में खरबों न्यूरॉन्स हैं और खरबों ज्ञान…, हमरा मस्तिष्क 100% ज्ञान/ऊर्जा में से 01% ऊर्जा को पढ़ पता है….परन्तु पृथ्वी में मौजूद वनस्पति पेड़-पौधे व अन्य जीव-जंतु 100% में 80% ज्ञान का उपयोग करने में सफल होते हैं इसलिए पेड़-पौधों, पशु -पक्षियों पर्यावरण में होने बदलाव को…टिट्वेर पिट्टे,…मारक पिट्टे,.. विज्जा पिट्टे, पुत्ती, पत्तेंग, रेल मड़ा, इत्यादि सटीक भविष्यवाणी करते हैं…..कोयतूर इसी प्रकृति से सीखता है,…इसी प्रकृति में पलता-बढ़ता है और प्रकृति का सेवा करता है…कोयतूरो के लिए प्रकृति ही सर्वश्रेष्ठ है…इसलिए कोयतूर प्रकृति (पर्यावरण) सेवक कहलाता है।….गोण्डवाना लैण्ड के महान “प्रावैज्ञानिक पहन्दी पारी कुपार लिंगो” ने पुरुड़ के रहस्यों को अध्ययन करके ….कोयामर्री द्वीप को अनन्त कला तक बचाने के लिए आधुनिक वैज्ञनिकों से पूर्व #लिंगों_मैट्रिक्स (टोटेमिक व्यवस्था) का रचना किया और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अहम योगदान दिया है।

पर्यावरण का संरक्षण, संवर्धन करना कोयतूर को बेहतर तरीके से आता है क्योंकि कोयतूर के रीति-नीति,…पेन-पुरखा…पाटा-डाक, पंडुम, करसाड़ सभी जीवन मे होने वाले क्रियाविधि प्रकृति सम्मत होता है।

….इस विश्व पर्यावरण दिवस में आप सब को समर्पित…चन्द लाइन….

      वायु, जल, उपजाऊ धरती,

              प्रकृति हमे निःशुल्क उपहार दिया है।

पर्यावरण को प्रदूषित कर,

              हम मानव क्रूरता का परिचय दिया है।।

जीव-जंतु, पशु-पक्षी, वनस्पति,

              प्रकृति की सुंदरता है।

धरती में जीवन की कल्पना करना,

              पर्यवारण को संतुलित बनाये रखना है।।

“प्रकृति से प्यार करेंगे तो प्रकृति आपसे प्यार करेगा!” 

आप सभी पुनेमी ऊर्जा को अपने….#जिर्र में लाइये…. इस धरती को अनन्त काल तक बचाये रखने की कार्ययोजना तैयार कीजिए है और गोटुल शिक्षा से परिचित होकर प्रकृति नियमों को पालन कीजिए तभी हम इस सुन्दर प्रकृति को बचाने में सफल होंगे।…कोयतूर प्रकृति के नियमो को भली भांति समझता है इसलिए प्रकृति का सेवा कर के संरक्षण, सवंर्धन करता है परन्तु घुसपैठ लोग कोयतूरों के जल, जंगल, जमीन को लूटने की होड़ में प्रकृति से छेड़छाड़ कर रहें है इन्ही शब्दों के साथ आप सभी को…#विश्वपर्यावरणदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,

हार्दिक बधाई..! बहुत बहुत सेवा जोहार..! पुरुड़ जोहार…!

✒️ नयताम तुलसी

(कोयतोरिन टेक्नोलॉजी, कोया पुनेम, गोटुल एजुकेशन सिस्टम व एडीडब्ल्यू. KBKS उ.ब. काँकेर)

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