14 मार्च 2022, रायपुर। राज्य वन विभाग द्वारा मनेन्द्रगढ़, जिला कोरिया को एशिया का सबसे बड़ा फॉसिल्स पार्क बनाया जाएगा।

क्या है फॉसिल्स

फॉसिल्स से तात्पर्य वह समुद्री जीव-जंतु है जो करोड़ो वर्ष पहले यहाँ लहराते समुद्र में रहते थे तथा प्राकृतिक परिवर्तन एवं पृथ्वी के पुनर्निर्माण में समुद्र के हटने पर उन जीवों के अंश पत्थरों के मध्य दबकर यथावत रह गए। फॉसिल्स पृथ्वी के परिवर्तन के वैज्ञानिक साक्ष्य हैं।

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28 करोड़ वर्ष पुराने समुद्री जीवाश्म को किया जाएगा संरक्षित

मनेन्द्रगढ़, कोरिया जिले में करोड़ो वर्ष पहले समुद्री जीवाश्म की खोज की गई थी, कुछ वर्षो पूर्व क्षेत्र को संरक्षित कर दिया गया था । जिसको लेकर 14 मार्च 2022 को राज्य वन विभाग ने बताया की एशिया का सबसे बड़ा और छत्तीसगढ़ का पहला समुद्री फॉसिल्स पार्क कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ में बनाया जाएगा जिसका शुभ आरम्भ 21 मार्च 2022 को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मनेन्द्रगढ़ के विधायक डॉ०विनय जायसवाल इस पार्क की नीव रखेगे।

इस पार्क को मैरिन फॉसिल्स पार्क नाम दिया गया है, प्रस्तावित पार्क अमाखेरवा इलाके में हसदेव और हसिया नदी के संगम पर लगभग 1 कि०मी० क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। अमाखेरवा में समुद्र फॉसिल्स पार्क होने की जानकारी बर्ष 2012 में मिली थी। वर्ष 2015 में बीरबल सहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियोबॉटनी, लखनऊ के विशेषज्ञ ने यहाँ 28 करोड़ साल पुराने फॉसिल्स पार्क की पुष्टि की थी।

वन विभाग द्वारा 2015 में ही फॉसिल्स वाले हिस्से की घेरा बंदी कर दिया था। यहाँ बाइवाल्व मोलस्का, युरीडेस्मा और एवीक्युलोपेक्टेन आदि समुद्री जीवों के जीवाश्म मौजूद हैं। इसके आलावा पेलेसिपोड्स, गैस्ट्रोपोड्स, ब्रेकियोपोड्स, ब्रायोजोअन्स और क्रिएनड्स प्रजाति के जीव भी हैं। गोंडवाना कालीन मैरिन फॉसिल्स पार्क, मनेन्द्रगढ़ को विश्व स्तर पर विख्यात करने की पहल की जा रही है।


गोंडवाना मैरीन फॉसिल्स पार्क मनेन्द्रगढ़ पर विस्तृत जानकारी

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