शहीद जान्या व तिम्या का जन्म महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के गोरेगांव तालुका के कुन्हाडी नामक गाँव में, गोंड गोवारी कोयतूर परिवार में हुआ था। गोरेगांव तहसील का कुरहाड़ी ग्राम शहीद जान्या तिम्या के नाम से जाना जाता है। बताया गया है कि, जान्या केवल सहारे व तिम्या केवल सहारे यह दोनों सगे भाई थे। देश को आजादी दिलाने के लिए उन्होंने अंग्रेजों से संघर्ष किया।


सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) और जंगल सत्याग्रह में सक्रिय भाग लिया। अंग्रेजों ने जान्या व तिम्या इन दोनों भाइयों की 6 अक्टूबर 1930 को हत्या कर दी। अंग्रेजों से लड़ते-लड़ते दोनों भाई शहीद होने से शासन ने उनकी याद में कुरहाड़ी ग्राम में हुतात्मा स्मारक का निर्माण किया और प्रतिवर्ष 6 अक्टूबर को हुतात्मा दिवस मनाया जाता है। लेकिन दोनों भाइयों का स्मारक इन दिनों अपने विकास के लिए तरस रहा है। दुर्भाग्य से, इन भाइयों द्वारा किए गए बलिदानों का इतिहास आज स्थानीय स्कूलों के छात्रों को नहीं पता है। लेकिन न तो प्रशासन और न ही जनप्रतिनिधियों को इसकी परवाह है।
जोहार
जय गोंडवाना