

?कोयतूरों के सबसे पसंदीदा और अजीज लजीज केकड़े में शुद्ध प्रोटीन युक्त, विटामिन ए, विटामिन बी समूह की मात्रा से भरपूर ।
?कोयतूरों की हजारों बरसों से पारंपरिक व्यंजनों में शामिल केकङे में मौजूद ओमेगा -3, फैटी एसिड और एस्कॉर्बिक एसिड की बङी मात्रा प्रतिरक्षा (immunity power) प्रदान कर शरीर को मजबूत, फूर्तिले और शक्तिशाली बनाता है, यह विशेष रूप से फ्लू और सर्दियों के मौसम में खास महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
? #प्रकृति ?️के दुलारे प्यारे #केकङे ?को समर्पित ?
? दुनिया के सभी कोयतूर समुदाय इस बात से वाकिफ हैं कि वे प्रकृति में मौजूद अपने आस पास पाये जाने वाले जलीय जीव?? (Aquatic organisms), थलीय जीव?? (Surface organisms)व आकाश में उड़ने वाले नभचरों( manure)?? का किस तरह ख्याल रखते हैं, साथ ही खाद्य श्रृंखला में संतुलन बनाए रखने के लिए जैव विविधता(Biodiversity) का भी संतुलन बनाए रखने में माहिर होते है। इन्हीं महत्वपूर्ण कोयतोरिन खाद्य श्रृंखला मे से एक जीव है केकड़ा….केकड़ा का नाम सुनते ही कोयतूरों के चेहरे मे एक चमक आ जाती है आज हम इसी केकड़े के बारे में जानते हैं….
?ट्रेस तत्त्वों को समेटे पोटेशियम, कैल्शियम, सेलेनियम, आयोडीन, फॉस्फोरस, तांबे और लौह से लैस ? crab .
?इसका नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है, दिल की कार्यप्रणाली व कार्डियोवैस्कुलर (cardiovascular system) में सुधार करता है।
?केकड़े ?का मांस खाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसके सेवन से अवसाद, भय, तनाव और चिंता से छुटकारा पाने में मदद मिलती है, व तनाव प्रतिरोध बढ़ता है साथ दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
?केकड़े? में बहुत कम कैलोरी होती है, जिस वजह से इसका उपयोग वजन कम करने में भी किया जाता है।
दरअसल केकड़े का मांस शुद्ध प्रोटीन होता है, जो वसा में जमा नहीं होता है लेकिन मांसपेशियों के निर्माण को बढ़ाता है।
?यह #एथलिटों ?, #धावकों ?व #बॉडीबिल्डरों ?️के सबसे पसंदीदा आहारों में शामिल है, क्योंकि यह #प्रोटीन के साथ भरपूर ऊर्जा शरीर में लंबे समय के लिए भर देता है।
?विटामिन ए और ओमेगा 3 फैटी एसिड की बङी मात्रा दृष्टि के लिए #क्रैबमीट अच्छी बनाती है।
हैरानी की बात है कि तटीय क्षेत्रों के निवासियों, जो लगातार समुद्री भोजन का उपभोग करते हैं, बहुत ही कम दृष्टि संबंधी समस्यायों से ग्रस्त होते हैं, वही कोयतूरों में भी दृष्टि की समस्या न्यून होती हैं।
?#केकड़ा मांस की संरचना में एंटीऑक्सिडेंट(antioxidant) होते हैं जो कोशिका नवीनीकरण को उत्तेजित करते हैं, जो ऊतकों, त्वचा, बालों आदि को पुनर्यौवन कर बुढ़ापे कि दर को धीमा कर देता है।
?ऐसा माना जाता है कि केकड़ा मांस एक शक्तिशाली यौन शक्ति वर्धक के रूप में भी कार्य करता है। इसके अलावा, केकड़ा मांस की नियमित सेवन से एडेनोमा (adenoma) और प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer ) के जोखिम को भी कम कर देती है।
केकड़े का मांस प्राकृतिक प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है, पर इसे पकाने की पारम्परिक तकनीकी का ही इस्तेमाल करनी चाहिए जैसे पत्तों में, मिट्टी के बर्तन में धीमी आंच में पारंपरिक रुप से अच्छे से पकाना चाहिए ।
इतने सारे उपरोक्त गुणों के बाद भी हमें केकड़े के विभिन्न प्रजातियों को अलग अलग मौसम के आधार पर संतुलित ढंग से शिकार करनी चाहिए…. प्रजनन के मौसम व बच्चों के पोषण अवस्था पर इन्हें नहीं पकड़नी चाहिए…. इनके प्राकृतिक आवासों को भी नुकसान नहीं पहुचानी चाहिए…. ताकि हमारे आने वाली पीढियों को भी इनके द्वारा महत्वपूर्ण जीवन रक्षक प्रोटीन, मिटामिनस व खनिज औषधीय रूप में मिलती रहे।
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Hūmēndrā Rāj
(Community Representative Maikal hill)
?कोयापुनेमी मार्गदर्शक?
NARAYAN MARKAM SIR
(KBKS BOOM GOTUL UNIVERSITY BEDMAMAD)