

गांव में बेल फलों से लदालद वृक्ष, नीले आसमान के तले, अपनी हरितिमा बिखेरते हुए काफी खुबसूरत लगते है । मनभावन हरे रंग में रंगे बेल के फल तो हमें चिढ़ाने लगते है । बेल के फल तोड़कर उनका शरबत पान किया जाता है । फल गांव मे अधिकतर पाया जाता है ।
बेल एक ऐसा पेड़ है जिसका इस्तेमाल हर चीज में इसका इस्तेमाल सेहत व स्वस्थ बनाने के लिए किया जाता है। गोंड बैगा, हमारे लोगों के कोइटुरिन, बेल के कई फायदे हैं। बेल का फल चिकना और कठोर होता है। यह फल कच्ची अवस्था में हरा रंग का हो जाता है और पकने पर सुनहरे पीले रंग का हो जाता है।
पीले रंग का सुगन्धित मीठा गूदा निकलता है इसका कवच तोड़ने पर जो खाने और शर्बत बनाने के काम आता है । इसका शर्बत काफी ठंडा और फायदेमंद होता है । ये कब्ज, अपच, पेट के अल्सर, बवासीर, साँस की तकलीफ, डायरिया आदि से मुक्ति दिलाता है । वायरल और बेक्टेरियल इन्फेक्शन को रोकता है । गर्मी में इसे पीने से लू नहीं लगता है जो की डिहाइडेशन से बचाता है ।
बेल फल का मुर्रब्बा इस गर्मी के मौसम मे खाने मे खूब खाते है ।
इसके वृक्ष प्रायरू समस्त इंडिया में मिलते हैं । इसकी छाया बड़ी शीतल और आरोग्यकारक मानी जाती है । रोगों को नष्ट करने की क्षमता के कारण बेल को बिल्व कहा गया है ।